Umrao Jaan returns to cinemas in restored 4K. Rekha and Muzaffar Ali reflect on the timeless classic’s legacy, music, and cinematic impact.
Rekha’s Emotional Connection to Umrao Jaan
“Umrao Jaan isn’t just a film I acted in — she lives within me and breathes through me still. None of us foresaw how timeless this story would become, how it would embed itself in the soul of Indian cinema. Seeing it return to theatres feels like sharing an old love letter with a new audience. My heart is full.”

About the Film and Umrao Jaan
Umrao Jaan is a poignant tale of love, loss, and longing, regarded as one of Indian cinema’s most visually breathtaking and emotionally powerful works. Rekha’s portrayal of the courtesan-poet earned her the National Film Award for Best Actress and remains one of the most iconic performances in film history.
Music That Stands the Test of Time
Powered by Khayyam’s soulful compositions and Shahryar’s evocative poetry, timeless ghazals like Dil Cheez Kya Hai, In Aankhon Ki Masti, and Justuju Jiski Thi still weave their magic, captivating listeners even decades after their release.
A Star-Studded Ensemble Cast
The original cast featured notable actors, including Farooq Shaikh as Nawab Sultan, Naseeruddin Shah as Gohar Mirza, Raj Babbar as Faiz Ali, and Shaukat Kaifi as Khanum Jaan, with memorable performances by Dina Pathak, Gajanan Jagirdar, Prema Narayan, and Satish Shah. The film also marked the debut of Farrukh Jaffar as Umrao’s mother.
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रेखा की क्लासिक उमराव जान शानदार 4K में फिर लौट रही है सिनेमाघरों में — जानिए पूरी जानकारी!
1981 में रिलीज़ हुई सदाबहार क्लासिक उमराव जान, जिसमें रेखा ने अपने अद्वितीय अभिनय से जान डाल दी थी और जिसे मुझफ़्फ़र अली ने निर्देशित किया था, अब एक बार फिर बड़े पर्दे पर लौटने जा रही है — वो भी भव्य 4K रिस्टोर्ड वर्ज़न में। इस फिल्म को नेशनल फ़िल्म आर्काइव ऑफ इंडिया (NFAI) और नेशनल फ़िल्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NFDC) द्वारा बेहद बारीकी से रिस्टोर किया गया है ताकि यह बेमिसाल कृति एक नई पीढ़ी के दर्शकों तक अपने पूरे शबाब के साथ पहुँचे।
अगर आपने कभी उमराव जान में रेखा के मोहक, भावुक और शायरा रूप को सराहा है, तो यह खबर आपके लिए किसी तोहफे से कम नहीं। 19वीं सदी के लखनऊ की तहज़ीब और शायरी से सजी इस फिल्म को अब आप पहले से कहीं ज़्यादा साफ और शानदार रूप में सिनेमाघरों में देख पाएंगे।
यह रिस्टोरेशन SK Jain & Sons और Integrated Films के सहयोग से किया गया है, और यह फिल्म आज भी अपनी कलात्मक सुंदरता और भावनात्मक गहराई से दर्शकों का मन मोह लेती है।
कैलेंडर में नोट करें: उमराव जान 27 जून को फिर से सिनेमाघरों में
इस खास मौके पर निर्देशक मुझफ़्फ़र अली एक लिमिटेड एडिशन कॉफ़ी टेबल बुक भी लॉन्च कर रहे हैं, जो फिल्म के निर्माण से जुड़ी दुर्लभ झलकियाँ पेश करेगी। इस खूबसूरत पुस्तक में पहले कभी न देखी गई तस्वीरें, कॉस्ट्यूम डिज़ाइन्स, हस्तलिखित कैलीग्राफी, शायरी और शूटिंग के दौरान की अनसुनी कहानियाँ शामिल हैं। यह किताब सिनेमा प्रेमियों, कला छात्रों और संस्कृति के चाहने वालों के लिए एक अनमोल तोहफा साबित होगी।
निर्देशक और अभिनेत्री की भावनाएँ
निर्देशक मुझफ़्फ़र अली कहते हैं:
“उमराव जान एक फिल्म नहीं, बल्कि एक खोई हुई तहज़ीब की तलाश थी — एक ऐसा दौर जहाँ मोहब्बत और तड़प शायरी में ढलती थी। रेखा ने केवल उमराव जान को निभाया नहीं, बल्कि उसे जिया और अमर कर दिया। मुझे बेहद ख़ुशी है कि यह कृति अब एक नई पीढ़ी तक पहुँचेगी।”
रेखा भी अपने जज़्बात साझा करती हैं:
“उमराव जान सिर्फ एक किरदार नहीं थी — वो आज भी मेरे अंदर सांस लेती है। हम में से किसी ने नहीं सोचा था कि यह फिल्म भारतीय सिनेमा की आत्मा में इतनी गहराई तक उतर जाएगी। इसका दोबारा सिनेमाघरों में आना जैसे कोई पुराना प्रेमपत्र किसी नई आँखों से पढ़ा जा रहा हो। दिल भर आया है।”
फिल्म के बारे में
उमराव जान एक भावनात्मक कहानी है — मोहब्बत, विरह और आत्म-खोज की, जिसे भारतीय सिनेमा की सबसे खूबसूरत और संवेदनशील फिल्मों में गिना जाता है। रेखा को इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला, और यह भूमिका आज भी उनके करियर की सबसे यादगार मानी जाती है।
खय्याम के सुरों और शहरयार की शायरी ने फिल्म में चार चाँद लगा दिए। दिल चीज़ क्या है, इन आँखों की मस्ती के और जुस्तजू जिसकी थी जैसी ग़ज़लें आज भी सुनने वालों के दिलों में गूंजती हैं।
फिल्म में फरूक़ शेख (नवाब सुलतान), नसीरुद्दीन शाह (गौहर मिर्ज़ा), राज बब्बर (फैज़ अली), और शौकत कैफ़ी (खानम जान) जैसे मंझे हुए कलाकारों ने जान डाल दी थी। साथ ही दीना पाठक, गजानन जागीरदार, प्रेमा नारायण और सतीश शाह जैसे कलाकारों की भूमिकाएँ भी बेहद यादगार रहीं। विशेष बात यह भी है कि इसी फिल्म से फर्रुख जाफ़र ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी।
हालाँकि इस फिल्म का एक रीमेक 2006 में ऐश्वर्या राय के साथ बना था, लेकिन 1981 की उमराव जान की बात ही कुछ और है — जो अब फिर से उसी जादू के साथ लौट रही है।